
सामाजिक समानता के लिए आजीवन संघर्षरत रहे कांशीराम … अधिवक्ता चितरंजय
सक्ती समाचार-राजनीति चले न चले, सरकार बने न बने, पर सामाजिक परिवर्तन की गति किसी भी कीमत पर नहीं रुकनी चाहिए, इस ध्येय के साथ आजीवन अंत्योदय के उत्थान और सामाजिक समानता के लिए आवाज बुलंद करने वाले समाज सुधारक पूर्व सांसद माननीय कांशीराम की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार व सामाजिक न्याय आयोग के प्रदेश अध्यक्ष (विधि) एवं उच्च न्यायालय अधिवक्ता चितरंजय सिंह पटेल ने कहा कि सामाजिक वर्ण व्यवस्था की कुरीतियों के खिलाफ आजीवन संघर्षरत कांशीराम ने भारतीय संविधान के जनक बाबा साहब अंबेडकर के सपनों का भारत अर्थात सामाजिक समानता के लिए पहल किया। यद्यपि वे आज नहीं है पर उनके सामाजिक उत्थान की राह पर चलने की आवश्यकता है ताकि सामाजिक भेदभाव का कोढ़ समाप्त हो स्वस्थ समाज की स्थापना हो।
विदित हो कि भारतीय राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक कांशीराम ने भारतीय वर्ण व्यवस्था में बहुजनों के राजनीतिक एकीकरण तथा उत्थान के लिए कार्य करते हुए दलित शोषित संघर्ष समिति (डीएसएसएसएस), अखिल भारतीय पिछड़ा और अल्पसंख्यक कर्मचारी महासंघ (बामसेफ) और राजनीतिक दल बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की स्थापना की थी।